CHO परीक्षा में 100 करोड़ कमाने वाले थे माफिया: जाने क्या है पूरा मामला

पटना में हो रहे राज्य स्वास्थ्य समिति की कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) के 4500 पदों पर बहाली की परीक्षा को रद्द कर दिया गया। प्रश्नपत्र लीक होने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद यह कदम उठाया गया है। फिलहाल EOU इस मामले के तह तक जाने के लिए पटना, नालंदा, मुजफ्फरपुर, गया और बिहारशरीफ में छापेमारी कर रही है।साथ ही EOU पटना के बड़े परीक्षा माफिया रविभूषण के ठिकानों से लेकर घर तक छापेमारी कर रही है। फिलहाल रविभूषण फरार है।

EOU की जांच में यह बात सामने आई है कि इस परीक्षा के लिए सभी सेट अभ्यर्थियों से 5-5 लाख रुपए में डील हुई थी। टोकन मनी के रूप में सभी अभ्यर्थियों से 25 से 50 हजार रुपए लिए गए थे। बाकी के पैसे परीक्षा देने के बाद देने थे। वहीं सेंटर सेट करने के लिए इस परीक्षा को करा रही कंपनी वी शाइन टेक प्राइवेट लिमिटेड से 8 लाख में डील हुई थी। इस परीक्षा में लगभग 60 प्रतिशत सीट (2700) सेट किया गया था।



माफियाओं का 100 करोड़ रुपए कमाने का था

फर्जीवाड़ा की कहानी अगस्त से ही रची जा रही थी। सेंटर अलॉट होने के बाद से ही कंपनी के अधिकारियों से मिलकर परीक्षा माफिया रवि भूषण और अतुल प्रभाकर फर्जीवाड़े की साजिश रचने लगे थे। परीक्षा के लिए 12 केंद्र बनाए गए थे। 

सिस्टम के सामने बैठकर माउस चला रहे थे अभ्यर्थी

CHO परीक्षा की परीक्षा पटना के 12 केंद्रों में ऑनलाइन माध्यम से ली जा रही थी। परीक्षा में गड़बड़ी की सूचना के बाद 6 सेंटर्स पर चेकिंग की गई। इसमें दानापुर के वायर ऑनलाइन एग्जाम सेंटर, न्यू बाइपास के निताय इंफोटेक, दानापुर के आशोपुर के एकम इवोलेशन के सेंटर समेत छह सेंटर्स शामिल थे। चेकिंग में पाया गया कि इन सेंटर्स पर प्रॉक्सी सर्वर के जरिए एमी एडमिन सॉफ्टवेयर से सेट किए हुए सिस्टम को रिमोट पर लेकर सॉल्वर कहीं दूर बैठ कर सवालों का जवाब दे रहे थे। वहीं सेंटर्स पर अभ्यर्थी सिर्फ सिस्टम के सामने बैठकर माउस चला रहे थे। दानापुर परीक्षा केंद्र में सोमवार की देर रात तक छापेमारी होती रही। इस परीक्षा में धांधली के लिए परीक्षा करा रही संस्था, परीक्षा माफिया और परीक्षा केंद्र के मालिक मिले हुए थे। इन लोगों ने एमी एडमिन सॉफ्टवेयर के माध्यम से गलत तरीके से कंप्यूटर का एक्सेस ले लिया था।

क्या है बफर सिस्टम

ऑनलाइन परीक्षा सेंटर्स पर क्षमता से 5 से 8 प्रतिशत ज्यादा सीट होते हैं। इस सीट्स पर लगे कंप्यूटर पर पहले से सेंटर मालिक कस्टमाइज सीपीयू लगाकर रखते हैं। इन सिस्टम में प्रॉक्सी सर्वर के माध्यम से इंटरनेट जोड़ दिया जाता है। सिटिंग अरेंजमेंट बिगड़ने पर सेट अभ्यर्थियों को इन्हीं सीट पर बैठाया जाता है। फिर सॉल्वर इन सिस्टम पर लगे कस्टमाइज CPU के माध्यम से उस कंप्यूटर को रिमोट पर लेकर कहीं से भी प्रश्नपत्र को सॉल्व कर देते हैं।

37 संदिग्धों में 10 कैंडिडेट्स

EOU ने सोमवार को 37 लोगों को ऑफिस में बैठाकर गहन पूछताछ की। EOU को कई सबूत हाथ लगे हैं। 37 लोगों में से 10 अभ्यर्थी हैं। बाकी ऑनलाइन परीक्षा सेंटर से जुड़े हुए लोग थे।

EOU कार्यालय के बाहर अभ्यर्थियों के परिजन भी पहुंचे हुए थे। इस दौरान मोतिहारी निवासी अभ्यर्थी के परिजन ने बातचीत में बताया कि 'पटना में मेरी बेटी की जान-पहचान की एक लड़की ने इस सेटिंग के बारे में बताया। फिर मैं पटना आया। उस लड़की के माध्यम से सेटर के पास पहुंचा। सेटर ने बताया कि परीक्षा के पहले आपको सिर्फ टोकन मनी देनी होगी। बाकी के पैसा परीक्षा खत्म होने के बाद देने थे।

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